Why we can’t Speak English? | हम अंग्रेजी क्यों नहीं बोल पाते है?

आज के इस दौर में इंग्लिश केवल एक भाषा ही नहीं बल्कि एक skill बन चुकी है। एक ऐसी skill जो अगर आपको आती है, तो आपके सामने बहुत से तरक्की के रास्ते खुले है। और हो सकता है इसी वजह से आपने भी कभी न कभी English speaking सीखने कि कोशिश कि होगी और सीखने के लिए कोई English speaking कोचिंग भी कि हो। लेकिन लाख कोशिशे करने के बाद आपको भी English speaking सीखने में परेशानी हुई होगी। और आप भी सोचते होंगे कि हम अंग्रेजी क्यों नहीं बोल पाते है? (Why we can’t speak English?) आखिर ऐसे कौन से कारण है, जिसकी वजह से हमें इंग्लिश बोलने में परेशानी होती है।

तो दोस्तों चिंता मत कीजिए आप बिल्कुल सही जगह पर आए है। आज कि इस पोस्ट मे हम बात करेंगे कि, हम इंग्लिश क्यों नहीं बोल पाते है, और उन कारणों को जानेंगे जिनसे कि हमे इंग्लिश बोलने मे परेशानी होती है। ताकि हम उन्हें जानकार अपने English speaking के सफर कि शुरुआत कर सके।

Reasons Why we can’t Speak English?

कारण जिनकी वजह से हम इंग्लिश नहीं बोल पाते है:

  1. माहोल का अभाव,
  2. अनुवाद के कारण,
  3. अभ्यास कि कमी,
  4. आपको लगता है कि “मै अंग्रेजी नहीं बोल सकता हूँ”।

1. माहोल का अभाव (Lack of Atmosphere)=

हमारे इंग्लिश न बोल पाने का सबसे बड़ा कारण यह ही कि हम उस वातावरण में नहीं रहते है, जहां हम इंग्लिश बोल सकते हो। उदाहरण के लिए मान लीजिए मेरी मात्रभाषा हिन्दी है (आप यहाँ पर आपनी मात्रभाषा जो आप बचपन से बोलते आए हो को ले सकते है)  यानि कि बचपन से लेकर आज तक मै सिर्फ हिन्दी ही बोलता आया हूँ। हम अपनी मात्रभाषा को सीखने के लिए कही किसी कोचिंग नहीं जाते है।

बचपन से हम जिस वातावरण में रहते है उससे प्रभावित होकर हम बिना किसी स्कूल या कोचिंग के सहारे इंग्लिश बोलना सिख जाते है। आप खुद ही सोचिए अगर आपके घर में बचपन से इंग्लिश मे बातें होती तो क्या लगता है आपको आप इंग्लिश बोलना सिख जाते या नहीं? शायद आपने भी इस सवाल का जवाब हाँ में दिया होगा।

   आपको इंग्लिश बोलने के लिए भी इसी माहोल कि जरुरत है।

2. अनुवाद के कारण (Translation in Your Mind)=

हमारे इंग्लिश न बोल पाने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है, कि जब भी हम इंग्लिश में बात करते है। या बात करने कि कोशिश करते है। तो सबसे पहले तो हम सामने वाले व्यक्ति कि बात को इंग्लिश में सुनते है, फिर उसका हिंदी (मात्रभाषा) में अनुवाद करते है, फिर हम उसका जवाब हिंदी (मात्रभाषा) में सोचते है, और फिर उसका इंग्लिश में अनुवाद कर बोलते है।

इस हिंदी (मात्रभाषा) से इंग्लिश और इंग्लिश से हिंदी (मात्रभाषा) में अनुवाद करने में हमें बहुत समय लगता है। और ऐसा करते समय हम बहुत सी गलतियाँ भी कर देते है। जिससे न ही हम सही इंग्लिश बोल पाते है। और न ही बिना ज्यादा समय लिए इंग्लिश बोल पाते है।

तो फिर इंग्लिश बोलना केसे सिखा जाए? इसका सिर्फ एक ही सबसे अच्छा तरीका है और वह है, कि क्यों ना हम इंग्लिश में ही सोचने लग जाए फिर हमें अनुवाद करने कि बार‑बार जरुरत नहीं पड़ेगी और हम इस translation filter के बिना अच्छे से इंग्लिश बोल पाएंगे। हाँ-हाँ मुझे पता है कि यहाँ पर आप सोच रहे होंगे कि अगर इंग्लिश में सोचना इतना आसान होता तो फिर क्या बात होती। लेकिन मेरी बात मानिए दोस्तों इंग्लिश में आप भी सोच सकते हो बस इसके लिए आपको प्रैक्टिस कि जरूरत है।

3. अभ्यास कि कमी (Lack of Practice)=

कोई भी काम चाहे वह साइकल चलना हो। या कोई खेल खेलना बिना अभ्यास ( practice ) के नहीं सिखा जाता। उसी तरह हम इंग्लिश भी तब तक नहीं सिख सकते है जब तक कि हम उसको बोलने का अभ्यास ( practice ) नहीं करेंगे।

आप ही सोचिए जब आपने पहली बार साइकल चलाना सिखा था। तो क्या आप एक ही बार में उसे चलाना सिख गये थे? नहीं। पहले आपको डर लगता था। कि मेरा बैलेंस नहीं बन रहा है, कही में गिर ना जाऊ, आप दोनों हाथो से साइकल के handle को पकड़कर ही साइकल चलाते थे।

लेकिन जब आप साइकल सिख गये थे। तो आप बिना किसी डर के बेफिक्र होकर, एक हाथ से handle पकड़कर भी उसे चला लेते थे। अब आपको कोई डर नहीं रहा, कि आप गिर जायेंगे। क्योकि आपने इसकी बहुत प्रैक्टिस कि थी।

ठीक इसी तरह हम जब इंग्लिश बोलना शुरू करेंगे तो हमे डर लगेगा फिर जेसे‑जेसे हम इसका अभ्यास ( practice ) करेंगे। तो हमारे लिए इंग्लिश बोलना आसान होता जायेया। हम जितनी ज्यादा इंग्लिश बोलने कि कोशिश करेंगे उतना ही ज्यादा हम इस भाषा से comfortable होते जायेंगे। यानि इंग्लिश बोलना हमारे लिए आसान होता जायेगा।

4. आपको लगता है कि “मै अंग्रेजी नहीं बोल सकता हूँ”। (You think “I can’t speak English”.)=

चाहे आप मानों या न मानों लेकिन आपमें से बहुत से लोग ये सोचते है। कि इंग्लिश बोलना बहुत मुश्किल है। उन्हे लगता है मै तो इंग्लिश बोल ही नहीं सकता। (I Cant Speak English) हम इसे कभी नहीं सिख पाएंगे। लेकिन असल में ऐसा कुछ भी नहीं है। हर काम हमें सबसे पहले मुश्किल लगता है। लेकिन फिर एक समय आता है। जब वह काम हमारे लिए बहुत आसान हो जाता है। जब हम उस काम में expert बन जाते है। लेकिन हमें पहले उस काम कि शुरुआत करनी होती है।

आपको भी इंग्लिश बोलना सिखने कि शुरुआत करनी चाहिए। यकीन मानिये यह इतना भी मुश्किल नहीं है, जितना आपको लगता है। और में अपने खुद के अनुभव (experience) से बता रहा हु। कि अगर एक बार आपको इंग्लिश बोलने में मजा आने लगा। तो आप हर समय बस इंग्लिश में ही बोलना चाहेंगे। लेकिन वहाँ तक पहुचने के लिए आपको आज से ही शुरुआत करनी होगी।

BEST OF LUCK EVERYONE 👍

इस पोस्ट में हमने जाना कि “हम अंग्रेजी क्यों नहीं बोल पाते है?” (Why we can’t Speak English?)अगर आपका ऊपर बताए गए किसी भी point पर कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें comment में जरुर बताए। और अपने दोस्तों के साथ जो इंग्लिश बोलना सिखाना चाहते है यह पोस्ट जरूर शेयर करें।

हिन्दी से अंग्रेजी बोलना सीखने के लिए यह पोस्ट हिन्दी से इंग्लिश बोलना कैसे सीखे? जरूर पढे।

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